परिचय

सर्दी, गर्मी और बरसात में दर दर भटक रहे बीमार और बेघर गौवंश को देखकर दिल में काफी पीड़ा होती है . जिस भारत भूमि पर गाय को माता का दर्जा दिया गया, जिसे पूज्यनीय माना गया उसको इस तरह मारा काटा जाए और यह समाज चुपचाप यह अन्याय देखता रहे , यह दृश्य मन को झकझोर देता है।

हम जानते थे कि गौवंश सरकार या गौशालाओं के भरोसे नहीं बच सकता. गौवंश से अगर आमदनी शुरू हो जाए तो लोग इसे वापिस घरों में ले आएंगे, यहीं एक रास्ता गौवंश को बचा सकता है. इसी आधार पर गौपैथी ने 2010 में गहन शोध के बाद गौवर से हवन की लकड़ी बनानी शुरू की, जिसका नाम हमने “हवन समिधा” रखा. ब्राह्मण समाज और आर्य समाज ने इस लकड़ी को काफी सराहा. हमें बेघर गौवंश को उसका खोया मान सम्मान दिलाने का रास्ता मिल चुका था. इसके प्रचार प्रसार के लिए हमने देश भर में सौ से ज्यादा प्रशिक्षण शिविर लगाए।

शुरुआत में काफी मुश्किलें आई. कड़ी मेहनत से हम अपने मिशन को चलाते रहे. आज हम गौवंश के गौवर, गौमूत्र, दूध, दही और घी से 25 से ज्यादा उत्पाद बनाते हैं. हमारी इसी आस्था, लग्न और मेहनत को देखकर केंद्र सरकार ने हमारी कंपनी को सम्मानित किया।

गौपैथी उत्पाद आज न केवल देश में बल्कि विदेशों में पसंद किए जा रहे हैं. गौपैथी द्वारा हर महीने की 21 तारीख को पंचगव्य उत्पाद बनाने की ट्रेनिंग भी दी जाती है।

आप गौपैथी उत्पाद खरीदें, प्रयोग करें – निश्चित तौर पर आपको ये पसंद आएंगे। गौपैथी उत्पाद खरीदकर आप अप्रत्यक्ष रूप से गौसेवा के पुण्य के भागी बनेंगे।
धन्यवाद |

गौपुत्र नरेश कौशिक
अध्यक्ष, गौपैथी उद्योग प्राइवेट लिमिटेड
हिसार, हरियाणा